हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग का मोबाइल वैन कार्यक्रम: प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की पहल

हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखा मोबाइल वैन कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत, किसानों को उनके घरों तक ही प्राकृतिक खेती से संबंधित जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग ने ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना’ के तहत एक ‘मोबाइल वैन कार्यक्रम’ शुरू किया है जो प्राकृतिक और पर्यावरण-अनुकूल कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करेगा। जैविक और रसायन मुक्त कृषि को बढ़ावा देते हुए, शिमला में शुरू की गई यह पहल उपभोक्ताओं को सीधे ताजा, जैविक उत्पाद देने पर केंद्रित है। इस पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य कृषि लागत को कम करना, आय को बढ़ाना और पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को बचाना है। 89,000 से अधिक प्राकृतिक खेती करने वाले किसान पहले ही इस योजना के तहत पंजीकृत हो चुके हैं, किसान-उत्पाद उद्यम बनाने के प्रयासों के साथ।

कार्यक्रम के मुख्य बिंदु:

  • मोबाइल वैन: कृषि विभाग द्वारा विशेष रूप से तैयार मोबाइल वैन, राज्य के विभिन्न गांवों और कस्बों में जाएंगी।
  • प्रशिक्षण: वैन में कृषि विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे जो किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीकों, जैविक उर्वरक और कीटनाशक बनाने की तकनीक, और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के तरीकों के बारे में प्रशिक्षण देंगे।
  • तकनीकी सहायता: किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने में आने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए कृषि विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी।
  • जैविक उत्पादों का प्रदर्शन: वैन में विभिन्न प्रकार के जैविक उत्पादों का प्रदर्शन भी किया जाएगा, ताकि किसानों को इन उत्पादों के बारे में जानकारी मिल सके और वे इन उत्पादों को खरीद भी सकें

कार्यक्रम का उद्देश्य:

रसायन मुक्त खेती के तरीकों को अपनाकर और उपभोक्ताओं को ताजा, जैविक उत्पाद देकर, “मोबाइल वैन कार्यक्रम” का लक्ष्य है प्राकृतिक खेती और पर्यावरण-अनुकूल व्यवहार को बढ़ावा देना।

  • रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करना
  • किसानों की आय में वृद्धि करना
  • मिट्टी की उर्वरता में सुधार करना
  • पर्यावरण को स्वच्छ रखना

कार्यक्रम का क्रियान्वयन:

  • मोबाइल वैन में कृषि विशेषज्ञ और प्रशिक्षक होंगे।
  • वे किसानों को प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी और प्रशिक्षण देंगे।
  • किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए आवश्यक सामग्री, जैसे कि बीज, जैविक खाद, और जैविक कीटनाशक, वैन से ही उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • मोबाइल वैन किसानों को प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने में भी मदद करेगी।

कार्यक्रम की विशेषताएं:

  • मोबाइल वैन राज्य के सभी जिलों में जाएगी
  • किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी
  • किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए आवश्यक बीज और जैविक उर्वरक उपलब्ध कराए जाएंगे
  • किसानों को प्राकृतिक खेती से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा

कार्यक्रम के लाभ:

  • यह कार्यक्रम किसानों को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग से होने वाले नुकसान से बचाएगा
  • यह कार्यक्रम किसानों की आय में वृद्धि करेगा
  • यह कार्यक्रम मिट्टी की उर्वरता में सुधार करेगा
  • यह कार्यक्रम पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करेगा

हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती का क्या उद्देश्य रखा है?
हिमाचल प्रदेश सरकार का लक्ष्य राज्य को ‘प्राकृतिक खेती राज्य’ बनाने के लिए सभी 9,61,000 किसानों को ‘सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती’ (SAPNF) प्रणाली से जोड़ना है।

अन्य महत्वपूर्ण बातें:

  • यह कार्यक्रम राज्य सरकार की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना का हिस्सा है।
  • इस कार्यक्रम के तहत, राज्य सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान करती है।
  • इस कार्यक्रम के माध्यम से, राज्य सरकार 2025 तक राज्य को पूरी तरह से प्राकृतिक खेती राज्य बनाने का लक्ष्य रखती है।

यह कार्यक्रम किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यदि आप भी प्राकृतिक खेती अपनाना चाहते हैं, तो इस कार्यक्रम का लाभ उठाएं।

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