हर साल 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें अपनी उस भाषा को याद दिलाता है, जिसने हमें सोचना, समझना और खुद को व्यक्त करना सिखाया। यह वो भाषा है जो हमारे दिल के सबसे करीब होती है, वो भाषा जिसमें हमारी भावनाएं बिना रुकावट बहती हैं।
आज के दौर में अंग्रेजी का बोलबाला है, लेकिन हमें अपनी मातृभाषा को नहीं भूलना चाहिए। यह हमारी पहचान का एक अहम हिस्सा है। मातृभाषा दिवस का अवसर है कि हम अपनी मातृभाषा को गले लगाएं और उसे आगे बढ़ाएं।
स्कूल डेस्क, नई दिल्ली 21 फरवरी 2024 को विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जा रहा है। साल 2000 से, संयुक्त राष्ट्र (UN) की संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की महासभा ने बहुभाषी शिक्षा को पीढ़ीगत शिक्षा का आधार (Multilingual Education is a Pillar of Intergenerational Learning) का विषय बनाया है. 21 फरवरी को मनाया जाता है।
यूनेस्को ने अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस 2024 के अवसर पर जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि 250 मिलियन बच्चों और युवा विश्व भर में स्कूल नहीं जा पाते हैं, जबकि 763 मिलियन व्यस्कों में मूलभूत साक्षरता भी कम है। ऐसे में अतिरिक्त भाषाओं, साक्षरता और मातृभाषा सीखने में मदद मिलती है।
क्यों आज ही के दिन मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस?
हर साल 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है जिसका उद्देश्य विभिन्न भाषाओं का विकास और उनकी विविधता को बढ़ावा देना है। दरअसल, 21 फरवरी 1952 को तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में बांग्ला भाषा आंदोलन के दौरान मारे गए छात्रों की याद में यूनेस्को ने साल 1999 में 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस घोषित किया था।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण तथ्य!
- संयुक्त राष्ट्रसंघ ने कहा कि हर दो सप्ताह में एक स्थानीय भाषा खो जाती है। भाषा लुप्त होने से सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत भी खत्म हो जाती है।
- विदेशी भाषाओं को सीखने के लिए लोगों का भागना भी मातृभाषाओं की कमी का एक बड़ा कारण है। इस होड़ में मातृभाषाएं क्रमशः मर रही हैं।
- दुनिया भर में 6 हजार भाषाओं में से 43 भाषाएं अलग-अलग कारणों से विलुप्त हो गई हैं।
- आज डिजिटल भाषा का दौर है, लेकिन हजारों भाषाओं में से सिर्फ सौ भाषाएं डिजिटल दुनिया में हैं।
भारत में मातृभाषा दिवस का महत्व!
भारत अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह एक बहुभाषी देश है और मातृभाषाओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी बहुत महत्वपूर्ण है। भारत दुनिया में सबसे अधिक द्विभाषिक और बहुभाषिक देश है। भारत में मातृ भाषाओं पर लगातार बहस होती रहती है, खासतौर पर राजभाषा हिंदी और देश की अन्य भाषाओं के बीच भाषायी द्वंद्व। गैर हिंदी भाषियों पर हमेशा आरोप लगाया जाता है कि हिंदी उन पर थोपी जाती है। हिंदी के अलावा, देश की अन्य भाषाओं को सीखने में रुचि नहीं दिखाई देती। अगर ऐसा हो
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