भारत रत्न: भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

एक राष्ट्र का गौरव, उसके महान लोगों में निहित होता है। ऐसे ही महान हस्तियों को सम्मानित करने के लिए भारत सरकार ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न की स्थापना की। आइए जानते हैं इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के बारे में विस्तार से।

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भारत रत्न क्या है?

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह असाधारण सेवा या प्रदर्शन के लिए दिया जाता है, जो किसी भी क्षेत्र में राष्ट्र के लिए सर्वोच्च स्तर का हो। इसमें कला, साहित्य, विज्ञान, सामाजिक सेवा और खेल जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

इस पुरस्कार की शुरुआत कब हुई?

भारत रत्न की स्थापना 2 जनवरी 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी।

किसको दिया जाता है भारत रत्न?

भारत रत्न किसी भी जाति, पेशे, पद या लिंग के व्यक्ति को दिया जा सकता है। हालांकि, आमतौर पर यह भारत के नागरिकों को ही दिया जाता है। कुछ अपवादों में मदर टेरेसा (1980), खान अब्दुल गफ्फार खान (1987) और नेल्सन मंडेला (1990) शामिल हैं, जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।

चयन प्रक्रिया

भारत रत्न के लिए सिफारिश प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को की जाती है। सिफारिश किसी भी औपचारिक प्रक्रिया के माध्यम से नहीं होती है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाता है कि सिफारिश किए गए व्यक्ति ने असाधारण योगदान दिया हो। राष्ट्रपति सिफारिश पर विचार करने के बाद ही अंतिम निर्णय लेते हैं।

कितने लोगों को दिया जा सकता है भारत रत्न?

एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है।

पहले भारत रत्न किसे मिले?

पहले भारत रत्न 1954 में तीन महान हस्तियों को प्रदान किए गए थे। ये थे –

  • चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (भारत के पहले गवर्नर जनरल)
  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (भारत के दूसरे राष्ट्रपति)
  • डॉ. सी. वी. रमन (प्रसिद्ध वैज्ञानिक)

कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • भारत रत्न के साथ कोई मौद्रिक अनुदान नहीं दिया जाता है।
  • भारत रत्न प्राप्तकर्ता को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद और एक तमगा दिया जाता है।
  • भारत रत्न प्राप्तकर्ताओं को सरकारी वारंट ऑफ प्रेसिडेंस में उच्च स्थान दिया जाता है।

भारत रत्न: एक प्रेरणा

भारत रत्न न केवल उन महान हस्तियों को सम्मानित करता है, जिन्होंने असाधारण योगदान दिया है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणा है। यह हमें यह दिखाता है कि कड़ी मेहनत, लगन और समर्पण के माध्यम से हम राष्ट्र के लिए कुछ खास कर सकते हैं।

2024 में किसे मिला भारत रत्न ?

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर भारत रत्न से सम्मानित होंगे। केंद्र सरकार ने इसका ऐलान किया है। लाल कृष्ण आडवानी का भारत रत्न मिलने वालो की सुची मे 50 वां नंबर है। वर्ष 2024 में लिये लाल कृष्ण आडवानी को भी भारत रत्न से सम्मानित किया जायेगा ।

कौन है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जिन्हे भारत रत्न सम्मान मिलेगा

कर्पूरी ठाकुर (24 जनवरी 1924 – 17 फरवरी 1988) भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री तथा दो बार मुख्यमंत्री थे। लोकप्रियता के कारण उन्हें ‘जननायक’ कहा जाता है।

कर्पूरी ठाकुर

कर्पूरी ठाकुर का जन्म भारत में ब्रिटिश शासन काल में समस्तीपुर जिले के पितौंझिया गाँव में नाई जाति में हुआ था। उनके पिताजी का नाम श्री गोकुल ठाकुर तथा माता जी का नाम श्रीमती रामदुलारी देवी था। इनके पिता गांव के सीमान्त किसान थे तथा अपने पारंपरिक पेशा बाल काटने का काम करते थे।

कर्पूरी ठाकुर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गाँव के प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की। बाद में, उन्होंने समस्तीपुर के हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद, उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

कर्पूरी ठाकुर का राजनीतिक जीवन छात्र जीवन से ही शुरू हो गया था। वे छात्र राजनीति में सक्रिय थे और वे बिहार छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भी भाग लिया था।

कर्पूरी ठाकुर 1952 के बिहार विधानसभा चुनाव में चुनाव जीते और वे बिहार सरकार में मंत्री बने। उन्होंने बिहार सरकार में विभिन्न विभागों में मंत्री पद संभाला।

1967 में, कर्पूरी ठाकुर बिहार के उपमुख्यमंत्री बने। उन्होंने इस पद पर दो साल तक कार्य किया।

1971 में, कर्पूरी ठाकुर बिहार के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में दो कार्यकालों (1971-72 और 1977-79) तक कार्य किया।

कर्पूरी ठाकुर के शासनकाल में बिहार में कई महत्वपूर्ण सुधार हुए। उन्होंने बिहार में पहली बार शराबबंदी लागू की। उन्होंने बिहार के शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में भी सुधार किया।

कर्पूरी ठाकुर बिहार के एक लोकप्रिय नेता थे। वे गरीबों और दलितों के लिए एक आदर्श थे। वे बिहार में सामाजिक न्याय और समानता के लिए लड़ते रहे।

कर्पूरी ठाकुर का निधन 17 फरवरी 1988 को हुआ था। उन्हें भारत सरकार ने मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया।

लाल कृष्ण आडवानी

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लाल कृष्ण आडवानी एक राजनितिज्ञ है जो भारतीय जनता पार्टी में काफी लम्बे समय तक सक्रीय रहे। लाल कृष्ण आडवानी भारत रत्न मिलने वालो की सुची में 50 वां नंबर है। भारतीय जनता पार्टी ने लाल कृष्ण आडवानी समेत सात लोगो को यह पुरुस्कार दिया है। पांच लोगो को यह पुरुस्कार दिया जा चुका है।

मुझे उम्मीद है कि इस ब्लॉग ने आपको भारत रत्न के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। यदि आपके कोई प्रश्न हैं, तो कृपया टिप्पणी करें।

पामुलपर्थी वेंकट नरसिम्हा राव (मरणोपरांत):
9 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि पूर्व प्रधान मंत्री, जिनका 2004 में निधन हो गया था, को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। 1991 से 1996 तक, सम्मानित तेलुगु नेता पीवी नरसिम्हा राव ने प्रधान मंत्री के रूप में पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया. उन्होंने आर्थिक सुधारों को शुरू करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

चौधरी चरण सिंह (मरणोपरांत)
भारत रत्न से सम्मानित करने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक और जाट नेता को भी चुना जाएगा। उन्हें उस युग के दौरान कांग्रेस विरोधी राजनीति का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता था जब पार्टी बहुत मजबूत थी।

मनकोम्बु संबाशिवन स्वामीनाथन (मरणोपरांत):
भारत रत्न से सम्मानित होने वाले पांचवें प्रसिद्ध कृषिविज्ञानी होंगे। स्वामीनाथन को कृषि और किसानों के कल्याण में उनके बड़े योगदान के लिए जाना जाता है। वे देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि को सुनिश्चित करते हुए भारतीय कृषि में क्रांति लाए।

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